पंजाब : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने अक्टूबर से राज्य में शुरू होने वाली घर घर आटा वितरित करने की योजना पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस योजना को 3 मई को पंजाब कैबिनेट द्वारा मंज़ूरी दी गई थी। मार्कफेड को इस योजना के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया था और टेंडर होम डिलीवरी के लिए काम कर रहा था।
NFSAHPU डीपू होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय में मामले को चुनौती दी। उसके बाद डीपू होल्डर फेडरेशन और पंजाब स्टेट डिप्पू होल्डर यूनियन (SIDHU) भी उच्च न्यायालय में पहुंचे। न्यायमूर्ति विकास सूरी ने 2022 की रिट याचिका सीडब्ल्यूपी 18912 पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी किए हैं।
मामले में अगली सुनवाई 28 सितंबर को इस नियंत्रण के अवसर पर बहस की जाएगी। उच्च न्यायालय ने इस मामले में पंजाब सरकार का नोटिस भी जारी किया है। पंजाब सरकार तीन चरणों में आटा की डाउनट्री होम डिलीवरी को वितरित करने और आठ क्षेत्रों में राज्य को वितरित करने की तैयारी कर रही थी। होम डिलीवरी पहले चरण में एक ज़ोन में शुरू की जानी थी और दूसरे चरण में दूसरे चरण में आटा की होम डिलीवरी शुरू की जानी थी।
पंजाब के डीपू होल्डर अनाज की होम डिलीवरी से नाखुश थे और डीपू धारक को अपना रोज़गार जाने का दर था । राज्य में लगभग 19,000 डीपू हैं जो राष्ट्रीय प्रक्रिया सुरक्षा मिशन के तहत गेहूं वितरित किए जाते हैं।