चंडीगढ़ : राज्य के भोले-भाले लोगों का शोषण करने वाले धोखेबाज इमीग्रेशन सलाहकारों पर शिकंजा कसते हुए, पंजाब पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने इस क्षेत्र में सक्रिय बहुराष्ट्रीय मानव तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के लिए सख्त कार्रवाई शुरू की है। यह कार्रवाई उन भारतीय नागरिकों से संबंधित है जिन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका से डिपोर्ट किया गया था और वे अमृतसर पहुंचे थे। पंजाब पुलिस ने उन ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ बयान दर्ज किए हैं, जिन्होंने उन्हें अमेरिका में अवैध प्रवेश के झूठे वादे करके धोखा किया है।
इस संबंधी पीडि़तों की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए, पंजाब पुलिस ने डिपोर्ट किए गए व्यक्तियों के बयानों के आधार पर कुल 8 एफआईआरज दर्ज की हैं, जिनमें से दो एफआईआरज जिला पुलिस के पास और छह एफआईआर पंजाब पुलिस के एनआरआई मामलों के विंग के पास दर्ज की गई हैं।एडीजीपी (एनआरआई मामले) प्रवीन सिन्हा के नेतृत्व वाली इस एसआईटी में एडीजीपी (आंतरिक सुरक्षा) शिवे कुमार वर्मा, आईजीपी (प्रोवीजनिंग) डॉ. एस. बूपति और डीआईजी (बार्डर रेंज) सतिंदर सिंह शामिल हैं।
यह एसआईटी जांच की गहन निगरानी कर रही है और सुनिश्चित कर रही है कि पूरी कार्रवाई तथ्यों की गहराई से जांच कर प्रभावी ढंग से की जाए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने स्वदेश लौटे लोगों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें न्याय का आश्वासन दिया। साथ ही, विभिन्न जिलों और कमिश्नरेटों के पुलिस आयुक्त तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसआईटी के साथ समन्वय कर लगातार मेहनत कर रहे हैं, ताकि इन धोखेबाज अपराधियों को कानून के कटघरे में लाया जा सके।
डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने धोखाधड़ी करने वाले इमीग्रेशन नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने और ट्रैवल एजेंटों द्वारा पंजाब के युवाओं के शोषण को खत्म करने के लिए पंजाब पुलिस की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि एसआईटी अवैध मानव तस्करी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जवाबदेही तय करने और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पंजाब पुलिस ने जनता से सतर्क रहने और अवैध इमीग्रेशन या ऐसी किसी अन्य धोखाधड़ी की सूचना अधिकारियों को देने की अपील की। पंजाब पुलिस अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने और धोखेबाज ट्रैवल एजेंटों पर शिकंजा कसने के अपने मिशन में पूरी ईमानदारी से जुटी हुई है।