चंडीगढ़ : राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और फसलों के अवशेष के प्रभावशाली ढंग से प्रबंधन के लिए पंजाब के कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा कटाई के इस सीजन के दौरान राज्य के किसानों को फसलों के अवशेष के प्रबंधन (सी. आर. एम.) के लिए 5000 सरफेस सिडर सहित 24,000 से अधिक मशीनें सब्सिडी पर मुहैया करवाई जाएंगी। पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि विभाग को सी. आर. एम. मशीनरी पर सब्सिडी लेने के लिए किसानों से 1,58,394 आवेदन प्राप्त हुये हैं। उन्होंने बताया कि चुने गए लाभार्थियों को मंजूरी पत्र आनलाइन पोर्टल के द्वारा जारी किये गए हैं।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इन-सीटू प्रबंधन के लिए सुपर एस. एम. एस., हैपी सिडर, पैडी स्टरा चौपर, मलचर, स्मार्ट सिडर, ज़ीरो टिल्ल ड्रिल, सरफेस सिडर, सुपर सिडर, करोप रीपर, सरब मास्टर/ रोटरी सलैशर और रिवरसीबल एम. बी. प्लो और धान की पराली के एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए बेलर और स्टरा रैक मुहैया करवाए जाएंगे।कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले साल 2022-23 के दौरान राज्य सरकार के ठोस यत्नों स्वरूप सी. आर. एम. मशीनों के प्रयोग से पराली जलाने के मामलों में 30 प्रतिशत कमी आई है। उन्होंने आगे बताया कि फसलों के अवशेष को जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए मौजूदा वर्ष के दौरान 350 करोड़ रुपए आरक्षित रखे गए हैं। उन्होंने बताया कि सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आनलाइन पोर्टल के द्वारा आवेदन माँगे गये हैं जिससे पारदर्शिता को यकीनी बनाते हुये सब्सिडी लेने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके।
स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा हरेक ब्लाक में कस्टम हायरिंग सैंटर स्थापित करने के लिए भी ठोस प्रयास किये जा रहे हैं, जिसमें छोटे और सीमांत किसानों के लिए सीआरएम मशीनें उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सी. आर. एम. मशीनों की खरीद पर कस्टम हायरिंग सैंटरों के लिए 80 फीसद सब्सिडी प्रदान कर रही है, जबकि व्यक्तिगत किसानों को 50 फीसद सब्सिडी दी जा रही है। विभाग के अधिकारियों को इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश देते हुये स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य में पराली जलाने की समस्या के हल के लिए सक्रियता से कदम उठा रही है और विभाग द्वारा इस सम्बन्धी मुहिम भी शुरू की गई है। फसलों के अवशेष के प्रबंधन के लिए विभाग की तरफ से सूचना शिक्षा और संचार मुहिम शुरू की गई है जिससे किसानों को पराली प्रबंधन की उपलब्ध तकनीकों के बारे प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उनको इनके बारे अवगत करवाया जा सके।