वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने कोविड महामारी के दौरान उसके गंभीर परिणामों से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के विकास में भारत हरसंभव मदद को तैयार है। भारत अपने अनुभव बांटने को तैयार है। दुनिया को बचाने के लिए पर्यावरण पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। हम नदियों, पेड़ों का सम्मान करते हैं। वाराणसी में तीन दिवसीय चल रही जी-20 बैठक में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़कर प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
इस दौरान संबोधित करते हुए कहा कि विकास, वैश्विक दक्षिण के लिए एक प्रमुख मुद्दा है। वैश्विक दक्षिण के देश वैश्विक कोविड महामारी से उत्पन्न व्यवधान से गंभीर रूप से प्रभावित थे और भू-राजनीतिक तनाव के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट ने एक और झटका दिया है। ऐसी परिस्थितियों में आप जो निर्णय लेते हैं उसका बहुत महत्व होता है। दुनिया के विकास में भारत हरसंभव मदद को तैयार है। उन्होंने आगे कहा, मुझे खुशी है कि जी 20 विकास एजेंडा काशी तक भी पहुंच गया है। विकास, वैश्विक दक्षिण के लिए एक प्रमुख मुद्दा है।
पीएम ने कहा कि वैश्विक दक्षिण के देश वैश्विक कोविड महामारी से उत्पन्न व्यवधान से गंभीर रूप से प्रभावित थे और भू-राजनीतिक तनाव के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट ने एक और झटका दिया है। ऐसी परिस्थितियों में आप जो निर्णय लेते हैं उसका बहुत महत्व होता है। मोदी ने जी20 विकास मंत्रियों की बैठक के लिए एक वीडियो संदेश में कहा कि काशी में भारत की विविध विरासत का सार है और यह देश के सभी हिस्सों के लोगों के लिए रुपांतरण बिंदु के रूप में काम करता है।
पीएम ने कहा कि मैं लोकतंत्र की जननी के सबसे पुराने जीवित शहर (बनारस) में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। इस बैठक में आर्थिक मंदी, ऋण संकट, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, प्रदूषण और जैव विविधता, बढ़ती गरीबी और असमानता, खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा, जीवन-यापन के संकट सहित वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला व्यवधान और भू-राजनीतिक संघर्ष और तनाव समेत विभिन्न विषयों पर मंथन होगा।