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मोरथला गांव में रविदास जयंती पर बिजली के करंट से हुआ दर्दनाक हादसा

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बाबैन: गांव मोरथला मे रविदास जयंती पर हर्षोल्लास के साथ ग्रामीण भंडारें के लिए लंगर तैयार कर रहे थे। लेकिन खुशियां उस समय मातम में बदल गई जब झंडा फहराते समय तेज हवा के झोंके से निशान साहिब 11 हजार केवी की बिजली की तारों से टकरा गया। तारों से बिजली का करंट लगने से गांव के पूर्व सरपंच राजेंद्र सिंह, तेज पाल, प्रवीण कुमार, कर्मवीर व मुकेश कुमार बुरी तरह से झुलस गए जिनमें से तेज पाल ने दम तोड़ दिया। हादसे में बिजली के करंट से झुलसे सभी लोगों को कुरुक्षेत्र के सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। चारों घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद शहर के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना कर मामले की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार गांव मोरथला में बुधवार को गुरु रविदास जयंती पर ग्रामीणों द्वारा तैयारियां की जा रही थी।

श्रद्धालुओं के लिए लंगर तैयार किया जा रहा था। हवन से पहले निशान साहिब पर झंडा फहराने का कार्यक्रम चल रहा था। लेकिन यह खुशियां उस समय मातम में बदल गई जब ग्रामीण धर्मशाला के प्रांगण में लगे निशान साहिब पर झंडा फहराने लगे। इसी दौरान निशान साहिब तेज हवाएं चलने के कारण साथ जा रही 11 हजार केवी की तारों से टकरा गया। जिससे 5 के करीब ग्रामीण बिजली के करंट की चपेट में आ गए। जिनमें से तेजपाल 35 ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। जबकि पूर्व सरपंच राजेंद्र कुमार, प्रवीण कुमार, कर्मबीर व मुकेश बुरी तरह झुलस गए। हादसे के बाद जयंती पर खुशियां मातम में बदल गई। ग्रामीणों द्वारा सभी घायलों को उपचार के लिए शहर के नीजि अस्पताल में भर्ती कराया गया। श्रद्धालुओं के लिए तैयार किया गया लंगर ईंट भट्टे पर जाकर मजदूरों बांटा गया।

मृतक करता था दिहाड़ी मजदूरी,4 बच्चों का था पिता – हादसे में मृतक तेजपाल 4 बच्चों का पिता था। जिनमें से 2 जुड़वां बेटियां 2 वर्ष, 1 बेटी साल का 1 वर्ष की व लडक़ा करीब 3 वर्ष का है। मृतक दिहाड़ी मजदूरी का काम करता था। बिजली के करंट से अचानक हुई मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट चुका है। गांव वालों की मौत का जिम्मेदार बिजली विभाग को बता रहे हैं। आरोप है कि जिन बिजली की तारों से यह हादसा हुआ वे धर्मशाला के प्रांगण के पास से ही गुजर रही थी। ऐसे में बिजली विभाग द्वारा वहां पर नंगी तारें डालने की बजाए केबल डालनी चाहिए थी। जिससे शायद हादसा होने से बच जाता। ग्रामीणों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मृतक परिवार को आर्थिक सहायता देने व घायलों का सरकारी खर्च पर उपचार कराने की मांग की है।

गांव के बीच में 11 हजार के.वी. की लाईन में नहीं डाली केबल – ग्रामीणों का कहना है कि गांव में जो तार ट्रांसफार्मर से जा रही हैं उनमें बिजली विभाग द्वारा केबल डाली हुई है। लेकिन गांव में आबादी के बीच में से जा रही 11 हजार केवी की लाईन में केबल नहीं डाली गई। यदि इन तारों में भी विभाग द्वारा समय रहते केबल डाली गई होती तो शायद हादसा होने से बच जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह हादसा बिजली विभाग की लापरवाही के कारण भी हुआ है। विभाग द्वारा गांव की आबादी के बीच में धरातल पर जाकर सही से मुआयना नहीं किया।

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