मुंबई : मुंबई में समुद्र तट वीकेंड में भारी भीड़ देखी जाती है। बड़ी संख्या में पर्यटक मरीन लाइन्स, गिरगांव चौपाटी, बांद्रा, वर्ली, दादर चौपाटी घूमने आते हैं। इससे समुद्र में भारी मात्रा में जमा हुआ कूड़ा किनारे पर देखा जा सकता है। मुंबई में नालों, जल प्रदूषण के कारण नदियाँ लुप्त हो गई हैं। लेकिन अगर मुंबई में समुद्र और नदियां अब चमकदार दिखें तो आश्चर्यचकित न हों। क्योंकि मुंबई में समुद्र और नदियों को वैज्ञानिक तरीके से साफ किया जाने वाला है। इस संबंध में नीदरलैंड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। मालूम हो कि मुंबई और उसके उपनगरों की नदियों और समुद्रों में भारी मात्रा में प्लास्टिक और कचरा पहुँचता है।
इस वजह से कई सालों से इनकी साफ-सफाई एक बड़ी समस्या बनी हुई है। राज्य सरकार ने इस संबंध में कदम उठाये हैं। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्लास्टिक प्रदूषण और कचरे को कम करने के लिए नीदरलैंड और भारत क्लीन रिवर फाउंडेशन मुंबई के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। हाल ही में एक कार्यक्रम में महासागर सफाई पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। ओशन क्लीनअप एक ऐसी कंपनी है जो मुंबई में नदियों और समुद्रों में प्लास्टिक प्रदूषण को साफ करने जा रही है।
कैसे की जायेगी सफाई ? – नदी तथा समुद्रों में प्लास्टिक को रोकने के प्रयास किये जायेंगे। जिससे समुद्र और नदियों में प्रदूषण का असर कम हो जाएगा। इसके साथ ही ओशन क्लीनअप का लक्ष्य समुद्र में पहले से जमा प्लास्टिक को हटाकर समुद्र को साफ करना है। सरकार का इरादा इसका एक मॉडल बनाने का है। यह काम शुरू भी हो चुका है और पहला प्रोजेक्ट मुंबई में शुरू किया गया है। प्लास्टिक को साफ करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से काम किया जाएगा। मुंबई महानगर पालिका और अन्य महानगर पालिकाओं को जो मदद चाहिए होगी, वह सरकार की ओर से मुहैया कराई जाएगी। कचरा कहाँ से आता है? वह कहाँ गया उसकी ट्रैकिंग भी की जाएगी।