वॉशिंगटन। भारत लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। राणा वर्तमान में लॉस एंजिल्स की एक जेल में बंद है। वह एक कनाडाई नागरिक है और पाकिस्तानी मूल का है। वह पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के साथ जुड़ा हुआ है, जो 26/11 के हमलों का एक प्रमुख आरोपी था। राणा पर आरोप है कि उसने हेडली और पाकिस्तान में अन्य आतंकियों को लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन द्वारा हमले को अंजाम देने में सहायता की थी। अब राहत की बात ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की घोषणा की और कहा कि उसे भारत में न्याय का सामना करना होगा। यह घोषणा ट्रंप ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में की।
ट्रंप ने कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरी सरकार ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले से जुड़े एक दोषी ताहव्वुर राणा और दुनिया के एक बहुत ही बुरे व्यक्ति का प्रत्यर्पण मंजूर किया है, ताकि वह भारत में न्याय का सामना कर सके। वह अब भारत वापस जा रहा है, जहां उसे न्याय का सामना करना होगा। ट्रंप ने कहा, भारत और अमेरिका मिलकर दुनिया भर में चरमपंथी इस्लामी आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करेंगे, जैसा कभी पहले नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप का आभार व्यक्त किया और आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के सहयोग की बात की। मोदी ने कहा, हम आतंकवाद से लड़ने में सहयोग करेंगे। सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ट्रंप का आभार व्यक्त करते हुए मैं कहता हूं कि 26/11 के आतंकवादी ताहव्वुर राणा को प्रत्यर्पित करने का निर्णय लिया गया है। हमारे न्यायालय उसे न्याय दिलवाएंगे।