जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी के नामों में इन नेताओं की चर्चा, दक्षिण को मिल सकता हैं मौका

0
3

नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी अपना अगला अध्यक्ष चुनने जा रही है। हालांकि, पार्टी शीर्ष पद के लिए किसे चुनेगी, कैसे चुनेगी और कब चुनेगी, यह अब तक साफ नहीं हुआ है। फिलहाल, भाजपा की कमान केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के हाथों में है। अटकलें हैं कि पार्टी इन 7 नेताओं में से किसी के नाम पर मुहर लगा सकती है। लेकिन इसके अलावा भाजपा क्षेत्र, जेंडर, वफादारी और अनुभव को भी प्राथमिकता देगी।भाजपा पार्टी तमिलनाडु और केरल में विस्तार की कोशिश में लंबे समय से जुटी हुई है। इसलिए माना जा रहा है कि भाजपा दक्षिण भारत से ही किसी नेता को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकती है। कर्नाटक में पार्टी दोबारा सरकार बनाने में असफल रही थी, लेकिन लोकसभा में केरल से खाता खोलने में सफल रही है।

वहीं भाजपा के इतिहास में हमेशा कप्तान पुरुष रहा है। अब हाल ही में रेखा गुप्ता के रूप में दिल्ली को महिला मुख्यमंत्री देने वाली पार्टी रुख में बदलाव कर सकती है और महिला प्रमुख को मौका दे सकती है। वहीं, पार्टी हाल के कई चुनावों में महिलाओं से जुड़े मुद्दों को केंद्र में रखती नजर आई है। वहीं बीजेपी संगठन का तजुर्बा भी अध्यक्ष के चुनाव में बड़ा फैक्टर साबित हो सकता है। इसके बाद पार्टी किसी युवा चेहरे की जगह वरिष्ठ नेता का चुनाव कर सकती है। इन सभी तथ्यों के साथ सबसे जरुरी संघ की सहमति है। महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव की बड़ी जीत में राष्ट्रीय स्वयं सेवक की भूमिका अहम मानी जा रही है। बताया जा जा रहा हैं कि पार्टी के शीर्ष पद पर नेता चुनने के लिए संघ की मुहर भी अहम साबित होगी।

इनके नाम चर्चा में :    जी किशन रेड्डी – केंद्रीय मंत्री रेड्डी को इस दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। दक्षिण भारत से भाजपा को आखिरी अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू के रूप में मिला था। वे तेलंगाना भाजपा के अध्यक्ष भी हैं। उनके साथ ही बंडी संजय कुमार का नाम भी चर्चा में है। वहीं श्रीनिवासन तमिलनाडु से आती हैं और वह भाजपा की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने 2021 विधानसभा चुनाव में कोयंबटूर दक्षिण से कमल हासन को मात दी थी। खास बात है कि राज्य में 2026 में चुनाव होने हैं।

वहीं, आंध्र प्रदेश भाजपा की चीफ और सांसद पुरंदेश्वरी को दक्षिण की सुषमा स्वराज कहा जाता है। वे राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की रिश्तेदार हैं। इसके साथ ही भाजपा के अहम रणनीतिकारों में शुमार प्रधान और यादव को इस दौड़ में गिना जा रहा है। 2024 में ही भाजपा ने ओडिशा में जीत हासिल की है और इससे पहले पूर्व से कभी कोई नेता संगठन के शीर्ष पद तक नहीं पहुंचा। महाराष्ट्र चुनाव के प्रभारी के तौर पर यादव ने भाजपा को बड़ी जीत दिलाई थी। साथ ही वह 2017 में उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी थे।

मनोहर लाल खट्टर और शिवराज सिंह चौहान – दोनों ही नेता पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बताया जाता हैं कि उन्हें आरएसएस का समर्थन भी हासिल है। एक ओर जहां हरियाणा के पूर्व सीएम खट्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। वहीं, मुख्यमंत्री के तौर पर कई बार मध्य प्रदेश की कमान संभाल चुके शिवराज सिंह चौहान का लंबा अनुभव है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here