Home Uncategorized AIF स्कीम के सफलतापूर्वक लागू होने से पंजाब में 3300 करोड़ रुपए...

AIF स्कीम के सफलतापूर्वक लागू होने से पंजाब में 3300 करोड़ रुपए के खेती प्रोजेक्टों की हुई शुरुआतः चेतन सिंह जौड़ामाजरा

0

चंडीगढ़ : पंजाब सरकार के बाग़बानी विभाग ने पिछले वित्तीय साल 2022-23 दौरान राज्य द्वारा की गई उन्नति व प्रगति को साझा करने और पंजाब में ए.आई.एफ. स्कीम के प्रचार के लिए सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र के सहयोगियों द्वारा दिये गये योगदान को मान्यता देने के लिए मैग्सीपा, सैक्टर-26 चंडीगढ़ में कृषि बुनियादी ढांचा फंड (एआईएफ) सम्मेलन करवाया गया। ज़िक्रयोग्य है कि भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई यह एआईएफ स्कीम जुलाई 2020 में शुरू की गई थी। एआईएफ स्कीम का उद्देश्य कृषि और बाग़बानी वेल्यु चेन में कटाई के उपरांत प्रबंधन बुनियादी ढांचा तैयार करना है। राज्य में एआईएफ स्कीम को लागू करने के लिए बाग़बानी विभाग राज्य की नोडल एजेंसी है।

बाग़बानी मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के सपने को आगे बढ़ाते हुए पंजाब ने ए.आई.एफ स्कीम के अंतर्गत बहुत तरक्की की है। पिछले वित्तीय साल 2022-23 दौरान 3480 प्रोजेक्टों से 2877 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकर्षित किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि 720 करोड़ रुपए के कर्ज़े पहले ही मंज़ूर किये जा चुके हैं, जिनमें से 591 करोड़ रुपए के कर्ज़े पहले ही अलग-अलग कर्ज़ देने वाली संस्थाओं द्वारा बाँटे जा चुके हैं। पंजाब में इस स्कीम का लाभ लेने में अग्रणी जिले बठिंडा (326), संगरूर (326), पटियाला (315), श्री मुक्तसर साहिब (294) और फाजिल्का (283) हैं।

जौड़ामाजरा ने बताया कि इस स्कीम के द्वारा राज्य में बनाए गए प्रमुख कृषि बुनियादी ढांचे में कोल्ड रूम और कोल्ड स्टोर, प्राथमिक प्रोसेसिंग सेंटर, कस्टम हायरिंग सेंटर, वेयरहाऊस, सोर्टिंग व ग्रेडिंग यूनिट और मौजूदा कृषि बुनियादी ढांचे पर सोलर पैनल शामिल हैं। इस स्कीम को लागू करने में हिस्सा लेने वाले 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में से पंजाब इस समय (31 मार्च 2023 अनुसार) 11वें स्थान पर है। मौजूदा वर्ष दौरान पंजाब में ए.आई.एफ. स्कीम के अंतर्गत हुई प्रगति बारे बात करते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले साल से पंजाब लगातार विकास की तरफ बढ़ रहा है। पंजाब से ए.आई.एफ. पोर्टल पर अपलोड किए गए कुल आवेदनों की संख्या 5500 से अधिक है और 3300 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकर्षित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इस स्कीम के द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को उत्पादन क्षेत्रों के नज़दीक प्रोजैक्ट स्थापित करने में मदद मिली है।

ए. आई. एफ. सम्मेलन दौरान, बढ़िया प्रदर्शन करने वाले जिलों और बैंकों को सम्मानित किया गया। ज़िला पटियाला को एआईएफ स्कीम अधीन प्रोजेक्टों सम्बन्धी सबसे अधिक मंज़ूरशुदा कर्ज़े प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 60 दिनों की निर्धारित मियाद के अंदर सबसे अधिक मंज़ूरशुदा कर्ज़े देने और अधिक से अधिक आवेदनों का निपटारा करने के लिए सम्मानित किया गया है। निर्धारित समय की श्रेणी में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब ग्रामीण बैंक को भी सम्मानित किया गया है। बठिंडा और संगरूर के बाग़बानी विभाग के ज़िला इंचार्जों को जागरूकता पैदा करने और एआईएफ पोर्टल पर अधिक से अधिक आवेदन अपलोड करने के लिए किये अथक यत्नों के लिए सम्मानित किया गया है। पंजाब नेशनल बैंक को एआईएफ स्कीम अधीन प्रोजेक्टों की विभिन्नता को उत्साहित करने के लिए सम्मानित किया गया है। मोगा ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंक के मैनेजिंग डायरैक्टर और डीडीएम नाबार्ड को पंजाब में सबसे अधिक सहकारी सभाओं का समर्थन करने के लिए मान्यता दी गई है।

उपरोक्त श्रेणियों के अलावा, अन्य स्कीमों जैसे कि पीएमएफएमई, एनएचएम, पीएमकेएसवाई और एमओएनआरई के नोडल अफसरों क्रमवार श्री रजनीश तुली, श्री एस. के. दुबे, श्रीमती शैलेंदर कौर, श्री एम. के. सिंह को उनके योगदान के लिए मान्यता दी गई है।पंजाब सरकार द्वारा 17 मार्च 2023 को शुरू किये प्रोजैक्ट फेज़ अधीन फ़िरोज़पुर के प्रमुख किसानों को चिली कलस्टर के विकास में किये यत्नों के लिए सम्मानित किया गया।पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने पंजाब के किसानी और उद्यमी भाईचारे को और ज्यादा लाभ पहुँचाने के लिए मिलकर काम करने की तत्काल ज़रूरत ज़ाहिर की।बाग़बानी मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने सभी सहयोगियों के यत्नों की सराहना करते हुए कृषि विभिन्नता के एजंडे को आगे लेजाने और किसानों के लिए स्थायी तालमेल स्थापित करने के लिए बाग़बानी विभाग की वचनबद्धता का फिर से भरोसा दिलाया।

इस अवसर पर बोलते हुए कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बाग़बानी विभाग को एआईएफ स्कीम के अंतर्गत पिछले वित्तीय साल दौरान शानदार सफलता हासिल करने के लिए बधाई दी और मौजूदा वित्तीय साल में प्रगति की निकट निगरानी करने की इच्छा ज़ाहिर की। अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) के.ए.पी. सिन्हा (आईएएस) ने राज्य की नोडल एजेंसी बाग़बानी विभाग द्वारा किये गए यत्नों को मान्यता दी और वेल्यु चेन के अन्तर को दूर करने के लिए कलस्टर विकास पहुँच अपनाने का सुझाव दिया। प्रवक्ताओं ने अन्य स्कीमों के साथ तालमेल करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जिससे पंजाब के लोगों के हितों के लिए केंद्रीय और राज्य स्तरीय स्कीमों का लाभ उठाया जा सके।

प्रोजैक्ट फेज़ (पंजाब हॉर्टिकल्चर एडवांसमेंट एंड सस्टेनेबल एंटरप्रीन्योरशिप) जैसी पहलकदमियों को शुरू करने के लिए राज्य सरकार द्वारा बहुत उत्साह प्राप्त हुआ जिससे पंजाब में अधिक से अधिक किसानों ने एआईएफ स्कीम का लाभ लिया और विशेष फ़सल कलस्टर बनाने में भी मदद की। प्रोजेक्ट फेज़ की शुरुआत नवंबर 2022 में राज्य स्तरीय एआईएफ कान्फ़्रेंस दौरान की गई थी, जहाँ कुलतार सिंह संधवां ने पंजाब के प्रगतिशील विकास में बाग़बानी क्षेत्र की अहम भूमिका की कल्पना की थी। बाग़बानी मंत्री श्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा और कृषि मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुड्डियां के योग्य नेतृत्व में पंजाब फ़सल सम्बन्धी वेल्यु चेन में विभिन्नताओं और कृषि धंधों के क्षेत्र में नयी बुलन्दियां हासिल करने के लिए तैयार है।

इस ए.आई.एफ सम्मेलन में पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां, बाग़बानी मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा, कृषि और किसान कल्याण और फूड प्रोसेसिंग मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां सहित अधिकारी, के.ए.पी. सिन्हा, आई.ए.एस., अतिरिक्त मुख्य सचिव (ए.सी.एस.) कम वित्त कमिश्नर, बाग़बानी, अनुराग अग्रवाल, आई.ए.एस., अतिरिक्त मुख्य सचिव (ए.सी.एस.) कम वित्तीय कमिश्नर सहकारिता, अरशदीप सिंह थिंद, सचिव-बाग़बानी, करनैल सिंह, आई.ए.एस., एम.डी. पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन, गिरीश दयालन, आई.ए.एस., एम.डी. मार्कफैड, डॉ. सुखपाल सिंह, चेयरमैन, पंजाब राज्य किसान आयोग और सेमूअल प्रवीन कुमार, संयुक्त सचिव, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार शामिल थे। इसके अलावा इस समारोह दौरान बैंकिंग और अन्य कर्ज़ देने वाली संस्थाओं के राज्य स्तरीय नुमायंदे और निजी और ग़ैर-सरकारी क्षेत्र से जुड़े अधिकारी भी उपस्थित थे।

पंजाब में ए.आई.एफ. स्कीम की मुख्य झलक
61 फ़ीसदी से अधिक प्रोजैक्ट 25 लाख रुपए से कम की निवेश सीमा अधीन हैं
16 फ़ीसदी से अधिक प्रोजैक्ट 25 से 50 लाख रुपए की निवेश सीमा अधीन हैं
लगभग 5 फ़ीसदी प्रोजैक्ट 50 लाख से 1 करोड़ रुपए की निवेश सीमा अधीन हैं
लगभग 4 फ़ीसदी प्रोजैक्ट 1 करोड़ से 1.5 करोड़ रुपए की निवेश सीमा अधीन हैं
लगभग 4 फ़ीसदी प्रोजैक्ट 1.5 करोड़ से 2 करोड़ रुपए की निवेश सीमा अधीन हैं
लगभग 9 फ़ीसदी प्रोजेक्ट 2 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ है

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version