चंडीगढ़: यहां पंजाब राजभवन में आयोजित एक समारोह में, असम सरकार द्वारा पंजाब के माननीय राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को असम के लोगों के कल्याण और समृद्धि के लिए उनकी उत्कृष्ट सेवाओं और अनुकरणीय प्रतिबद्धता के लिए सम्मानित किया गया। असम के दो कैबिनेट मंत्री रंजीत कुमार दास और चंद्र मोहन पटवारी के नेतृत्व में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के दिशा-निर्देश पर विशेष तौर पर गुलाब चंद कटारिया को सम्मानित करने के लिए पंजाब पहुंचे। उनके साथ राज्यपाल सचिवालय असम और मुख्यमंत्री कार्यालय असम के अधिकारी भी मौजूद थे।
एक विशेष सम्मान समारोह में असम से आए इस प्रतिनिधिमंडल ने गुलाब चंद कटारिया को उनकी उल्लेखनीय भूमिका के लिए 9 अगस्त, 2024 को असम कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव की प्रति प्रस्तुत की, जिसमें हर स्तर पर राज्य सरकार के पदाधिकारियों को प्रदान की गई उनकी महत्वपूर्ण सलाह और रणनीतिक मार्गदर्शन को मान्यता प्रदान की गई है। असम के प्रतिनिधिमंडल ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा लिखित एक डीओ पत्र भी सौंपा, जिसमें उन्होंने कटारिया को उनके अमूल्य मार्गदर्शन और परामर्श के लिए व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद दिया, जो उनके लिए शासन और सार्वजनिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध हुए।
इस प्रस्ताव में असम के सभी 35 जिलों में श्री कटारिया के व्यापक दौरों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के साथ उनकी सक्रिय भागीदारी को दर्शाया गया। असम के लोगों के कल्याण के प्रति उनके समर्पण की झलक राज्य के प्रति उनके गहरे लगाव और असम के विकास में योगदान देने के लिए सभी को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के उनके अथक प्रयासों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक मामलों में श्री कटारिया के विशाल अनुभव और ज्ञान को भी मान्यता दी, जिसने शासन और सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की।इसके अलावा असम से आए प्रतिनिधिमंडल ने असम राज्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए कटारिया और उनकी पत्नी अनीता कटारिया को कामाख्या मंदिर की पेंटिंग, ज़ोराई और प्रशस्ति पत्र सहित असम की अन्य पारंपरिक वस्तुओं से सम्मानित किया।
धन्यवाद भाषण के दौरान राज्यपाल कटारिया ने सम्मान के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया तथा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को उनके कार्यकाल के दौरान मिले अटूट सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच सामंजस्यपूर्ण सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी राज्य के विकास और समृद्धि के लिए ऐसा समन्वय अति आवश्यक है। उन्होंने पंजाब में भी इसी सौहार्दपूर्ण रणनीति के साथ मुख्यमंत्री के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जताई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जन कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाए और लोगों के जीवन में सुधार हो।
राज्यपाल कटारिया ने जोर देकर कहा कि जन कल्याणकारी योजनाओं को वास्तव में प्रभावी बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर योजना और नीति-निर्माण से आगे बढ़कर जमीनी हकीकत से सीधे जुड़ना जरूरी है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि केवल क्षेत्र का दौरा करके, लाभार्थियों से बातचीत करके और कार्यान्वयन को प्रत्यक्ष रूप से देखकर ही इन योजनाओं की सफलता का सही आकलन किया जा सकता है। असम के कैबिनेट मंत्री रंजीत कुमार दास और चंद्र मोहन पटवारी ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय अखंडता को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इस तरह की पहल विविध परंपराओं, भाषाओं और प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाती है, जिससे हमें विभिन्न समुदायों के बीच मजबूत बंधन बनाते हुए अपनी समृद्ध सांस्कृतिक ताने-बाने का जश्न मनाने का मौका मिलता है।
इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक कटारिया ने असम के दोनों कैबिनेट मंत्रियों, अंजू रानी बैश्य, राज्यपाल असम के सचिव एस.एस. मीनाक्षी सुंदरम, राज्यपाल असम के एडीसी स्क्वॉर्डन लीडर गौरव मलिक और उप-सचिव सीएम कार्यालय असम अभिषेक जैन को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोगों में पंजाब के राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव के. सिवा प्रसाद, यू.टी. चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार राजीव वर्मा, चंडीगढ़ के डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव, चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप और चंडीगढ़ प्रशासन के अन्य वरिष्ठ पुलिस और सिविल अधिकारी शामिल थे।