PM मोदी और शरद पवार की मुलाकात से चढ़ा सियासी पारा

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मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार की नई दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक हलकों में कई अटकलें लगाई जा रही हैं, खासतौर पर सुप्रिया सुले की संभावित भूमिका को लेकर सियासी बाजार गर्म है।विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) में शामिल शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीएम मोदी कैमरे में आने के लिए ऐसे काम करते हैं। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि पीएम मोदी ने कभी शरद पवार को भटकी आत्मा कहा था और अब उन्हें पानी पिलाया।

क्या बदल रही है शरद पवार की सियासी राह? – शरद पवार की राजनीति अप्रत्याशित रही है और अगर वे बीजेपी के करीब जाते हैं तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा। केंद्र में एनडीए सरकार अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है, और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) के पास 8 सांसद हैं। अगर ये सांसद बीजेपी में शामिल होते हैं, तो इससे राजनीतिक भूचाल आ सकता है। हालांकि, अगर ये सांसद अजित पवार गुट में शामिल होते हैं, तो इसे एक प्राकृतिक राजनीतिक प्रक्रिया के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी माना गया है।

क्या सुप्रिया सुले को मिलेगा बड़ा पद? – सुप्रिया सुले चौथी बार बारामती से लोकसभा सांसद चुनी गई हैं। चर्चा है कि अगर शरद पवार बीजेपी सरकार को समर्थन देते हैं, तो मोदी सरकार द्वारा 3.0 में सुप्रिया सुले को मंत्री बनाया जा सकता है। उन्हें एक महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने की भी अटकलें तेज हो गई हैं।

एमवीए के लिए खतरे की घंटी? – अगर शरद पवार बीजेपी के करीब जाते हैं, तो इससे इंडिया गठबंधन कमजोर पड़ सकता है। इससे बीजेपी की नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर निर्भरता भी कम होगी।अब सबकी नजर इस पर है कि मुंबई से दिल्ली के बीच राजनीति किस करवट बैठेगी। क्या यह मुलाकात सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी या फिर महाराष्ट्र की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव आने वाला है?

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