मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को प्रमुख ब्याज दरों पर अपना फैसला सुनाया। आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती कर दी है। रेपो रेट में यह कटौती 25 बेसिस पॉइंट की की गई है, जिस कारण अब मौजूदा रेपो रेट 6.25 फीसदी हो गया है। रेपो रेट में यह कटौती 5 साल बाद की गई है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने मई 2020 में रेपो रेट घटाया था। हालांकि उसके बाद धीरे-धीरे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था।
आखिरी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी फरवरी 2023 में की गई थी। गवर्नर ने कहा कि बैठक में इकोनॉमी डेवलपमेंट को लेकर चर्चा की गई। हमने बैठक में फैसला किया है कि रेपो रेट को घटाया जा रहा है। अब रेपो रेट 6.50 से घटाकर 6.25 किया जा रहा है। गवर्नर ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी चुनौतियों से गुजर रहा है। साथ ही वैश्विक स्तर पर महंगाई भी बढ़ रही है। फेडरल रिजर्व बैंक की ओर से भी रेट में कटौती हो रही है। साथ जियो पॉलिटिकल टेंशन भी बढ़ रहा है, जिस कारण दुनिया भर की इकोनॉमी पर असर पड़ रहा है।
भारतीय रुपया अभी दबाव में है। रिजर्व बैंक के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान वित्त वर्ष 2025 में 6.5 फीसदी है, जो पिछले साल 8.2 फीसद, आने वाले सालों में जीडीपी में सुधार होगा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सुधार हुआ है। माइनिंग सेक्टर में भी सुधार हुआ है। पीएमआई सर्विस में पिछली तिमाही में गिरावट हुई। ग्रामीण में मांग बढ़ रही है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि रेपो रेट इस वित्त वर्ष 4.7 फीसदी महंगाई रहने का अनुमान है। वहीं आगे महंगाई दर और कम हो जाएगी।