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फसल विविधीकरण से 477 करोड़ की बिजली और 5 बीसीएम भूजल की हुई बचत: CM भगवंत मान

चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान (Chief Minister Bhagwant Mann) ने पंजाब के किसानों को उनकी सलाह मानने और पिछले सीजन में पूसा-44 प्रकार के धान की खेती नहीं करने के लिए धन्यवाद दिया। एक वीडियो संदेश में सीएम भगवंत मान ने कहा कि वह हमारी खेती को बचाने और इसे फिर से लाभदायक व्यवसाय बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि किसानों को दिन में ही जरूरत के मुताबिक बिजली मिले। हमने मंडियों में खरीद, उठान और परिवहन की तैयारियां भी बेहतरीन बनाया हैं। हम हर सीज़न के दौरान उचित योजना, तैयारी और कार्यान्वयन करते हैं।

उन्होंने कहा कि धान के पिछले सीजन से पहले उन्होंने किसानों से अनुरोध किया था कि वे पूसा-44 की बुआई न करें, जिसे तैयार होने में 150 से अधिक दिन लगते हैं। उनके सिर्फ एक अनुरोध के पर पूसा-44 की बुआई में क्षेत्र में 50% की कमी आई है। हमारे किसानों ने पूसा-44 की जगह पीआर-126, पीआर-127, पीआर-128, पीआर-129 और पीआर-130 लगाए जिन्हें तैयार होने में केवल 90 दिन लगते हैं, जो पूसा-44 से 60 दिन कम है। पूसा-44 के अंतर्गत क्षेत्रफल कम होने के कारण इससे 477 करोड़ रुपये की बचत हुई और 5 अरब क्यूसेक भूजल की भी बचत हुई। मान ने कहा कि हम गुरु साहब के शब्द ‘पवन गुरु पानी पिता’ पर चल रहे हैं और पंजाब को फिर से रंगला बनाने की इस राह पर चलते हुए किसानों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि किसानों ने एक साधारण अनुरोध पर उनकी सलाह का पालन किया और वह कभी भी ऐसा कोई निर्णय नहीं लेंगे जो पंजाब, पंजाबियों और हमारे संसाधनों को नुकसान पहुंचाए।

उन्होंने कहा कि वह हमेशा पंजाब की भलाई के लिए फैसले लेंगे।मान ने कहा कि धान का सीजन शुरू होने से पहले वह एक बार फिर किसानों से अनुरोध करते हैं कि वे पूसा-44 की बिजाई बिल्कुल न करें। इससे बिजली और भूजल की बचत होगी। उन्होंने किसानों को पीआर-126 से 130 और बासमती उगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बासमती चावल का एमएसपी से भी अच्छा दाम मिलता है। वहीं पूसा-44 अन्य प्रकारों की तुलना में अधिक पराली भी पैदा करता है, इसलिए अपनी हवा और पानी को बचाने के लिए भी इस प्रकार को छोड़ दें।मान ने कहा कि आप सरकार आम जनता और किसानों की सरकार है। सारे फैसले जनता के हिसाब से लिये जाते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही वह अन्य मुद्दों पर भी चर्चा के लिए और किसान मिलनी बैठकें आयोजित करेंगे। उन्होंने किसानों को उनके फैसले का समर्थन करने और राज्य की हवा और पानी को बचाने में अपना योगदान देने के लिए धन्यवाद दिया।

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